Muharram Shayari and Quotes: मुहर्रम में अपनों को भेजें इमाम हुसैन की याद में लिखी गई यह मार्मिक शायरी
Muharram Shayari in Hinid – 2025
Muharram Shayari and Quotes 😭 (मुहर्रम शायरी) इमाम हुसैन और उनके साथियों की शहादत को याद करने का एक जज़्बाती और असरदार तरीका है। हर साल मुहर्रम का महीना हमें कर्बला की याद दिलाता है जो इंसानियत, हक और इंसाफ के लिए दी गई थी। इस मोका पर लोग Dard Muharram Shayari in Hindi (दर्द मुहर्रम शायरी इन हिंदी) के ज़रिये अपने जज़्बात का इज़हार करते हैं और इमाम हुसैन की याद में अशार और उद्धरण साझा करते हैं।
सोशल मीडिया पर खास दौर पर Ya Hussain Muharram Shayari (या हुसैन मुहर्रम शायरी) की काफी डिमांड होती है, जैसे लोग व्हाट्सएप, फेसबुक और इंस्टाग्राम पर अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ शेयर करते हैं। अगर आप भी इस मुहर्रम पर इमाम हुसैन की कुर्बानी को अल्फ़ाज़ों में बयान करना चाहते हैं, तो हमारी विशेष रूप से चुनी गई Muharram Sad Shayari (मुहर्रम सद शायरी) ज़रूर पढ़ें और अपनों को भेजें।
Muharram Shayari
“मुहर्रम शायरी” एक रूहानी तारीख़ है जिसकी ज़रिये लोग इमाम हुसैन की कुर्बानी को याद करते हैं। कर्बला की जंग और उसमें दी गई शहादत को अल्फाजों में पेश करना हर मोमिन के लिए इज्जत की बात होती है। आज कल लोग सोशल मीडिया पर अपने जज़्बात का इजहार Sad Muharram Shayari (दुखद मुहर्रम शायरी) करते हैं, जो दर्द, वफ़ादारी और हक की आवाज़ होती है।
कर्बला की शहादत इस्लाम बना गयी, खून तो बहा था
लेकिन कुर्बानी हौसलों की उड़ान दिखा गयी।
या हुसैन! तेरी शहादत,है ईमान की शान। तेरे जैसा बहादुर,दुनिया में कोई नहीं हुआ। आज भी तेरे अकीदे पर,लाखों लोग चलते हैं।
Youm -E-Ashura 2025
कफ़न में लिपटी एक चुप्पी, सन्नाटे में गूंजती रही,
करबला की सरज़मीं पर हुसैन की तक़दीर बोलती रही।
गुरूर टूट गया कोई मर्तबा ना मिला,
सितम के बाद भी कुछ हासिल जफा ना मिला,
सिर-ऐ-हुसैन मिला है यजीद को
लेकिन शिकस्त यह है की फिर भी झुका हुआ ना मिला।
कर्बला की ज़मीन से उठती है आवाज़,
हक़ पे डटे थे हुसैन, ना किया कोई नाज़।
सबर का पैग़ाम है, कुर्बानी की मिसाल,
मुहर्रम की ये शायरी करती है दिल से सवाल।
Dard Muharram Shayari in Hindi
हर अश्क कह रहा है कर्बला की दास्तान,
कैसे हुसैन ने चुना हक़ का रास्ता बेज़ुबान।
भूख थी, प्यास थी, मगर शिकवा ना किया,
दर्द में भी सब्र का दामन कभी ना छोड़ा गया।
ख़ून से लिखी थी जो वफ़ा की कहानी,
वो आज भी रोती है हर एक ज़ुबानी।
ग़म-ए-हुसैन को लफ्ज़ों में उतारें,
मुहर्रम शायरी से दिलों को पुकारें।
ये मुहर्रम का ग़म है, जो हर दिल में बसा है,
इमाम हुसैन की कुर्बानी ही असली रास्ता है।
Dard Muharram Shayari in Hindi बन गई है दिल की सदा,
हर लफ़्ज़ में बसा है करबला का दर्द भरा फ़साना।
करीब अल्लाह के आओ तो कोई बात बने,
ईमान फिर से जगाओ तो कोई बात बने,
लहू जो बह गया कर्बला में,
उनके मकसद को समझा तो कोई बात बने।
Imam Hussain Shayari in Hindi
कर्बला की रेत पे जो सजदा हुआ था,
वो हक़ का सबसे बड़ा सन्देशा हुआ था।
सबर की मिसाल हैं हुसैन हमारे,
जिन्होंने हर ज़ुल्म को मुस्कुरा कर सहा था। 💔🕊️
प्यास थी शदीद, मगर शिकवा नहीं किया,
हर दर्द को सब्र से जिया और जिया।
हुसैन ने दिखाया जो वफ़ा का रास्ता,
वो हर मोमिन के दिल में बस गया। 💧🙏
ना तलवार से, ना फौज से डर लगे,
जब बात हो हक़ की, तो हुसैन याद आए।
कुर्बानी की जो मिसाल बन गए,
उनके नाम से दिल रो पड़ जाए। 💔⚔️
कर्बला में बहा वो लहू बेगुनाह था,
हर कतरा कहता है – हुसैन साथ था।
ज़ुल्म के आगे जो सिर नहीं झुकाया,
उसे ही तो असली इंसान कहा जाता है। 💥💫
ये मातम, ये आँसू, ये ग़म की सदा,
सब कहते हैं — हुसैन ज़िन्दा है हमेशा।
हर मोहर्रम में दिल से आवाज़ उठती है,
जो हक़ पे मरे, वो कभी मरता नहीं। 🖤🌹
Karbala Shayari in Hindi
कर्बला की रेत पर लहू से लिखी गई दास्तान,
हर कतरा चिल्ला उठा — ये है हक़ की पहचान।
ना पानी, ना साया, ना ज़िंदगी की राहत,
फिर भी हुसैन ने छोड़ी नहीं सच्चाई की राहत। 💔🌾
कर्बला कोई जंग नहीं, सब्र का इम्तिहान था,
जहाँ हर जख्म में भी मोहब्बत का अरमान था।
हुसैन की खामोशी थी सबसे बड़ी आवाज़,
जो बता गई कि हक़ कभी हारता नहीं। ⚔️🕊️
तपा था जिस ज़मीन पर सूरज भी शर्म से झुक गया,
वहीं हुसैन अपने बच्चों संग भूख-प्यास में रुका रहा।
कर्बला सिर्फ़ एक मैदान नहीं,
वो सबक है हर उस दिल के लिए जो इंसाफ़ चाहता है। 💧🌙
जिन्हें ज़ंजीरों से नहीं, सब्र से बांधा गया था,
उनका नाम कर्बला में अमर कर दिया गया था।
न मारा उन्हें तलवार ने, न झुकाया ज़ुल्म ने,
कर्बला की मिट्टी भी रोई उस दिन जब सच्चाई क़ुर्बान हुई। 🩸🙏
हर मोहर्रम दिल फिर से रो पड़ता है,
कर्बला का मंज़र आँखों के आगे उतर आता है।
बचपन, जवानी, बुज़ुर्गी सब कुर्बान हुए,
फिर भी हुसैन ने सच्चाई का झंडा ऊँचा रखा। 🕊️🖤
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Muharram Quotes in Hindi
जिसने हक के लिए सिर कटाया,
उस हुसैन को सलाम हमारा।
कर्बला की जमीं पे जो लहू बहा, हुसैन का,
उसकी हर बूंद ने, जमाने को रास्ता दिखाया।
Youm-E-Ashura 2025
मुहर्रम का ये महीना, है सब्र की मिसाल,
जहाँ हर दिल में है दर्द, और हर आंख में हाल।
इमाम हुसैन की शहादत ने दी हमें राह,
सिखाई इंसाफ़ और दिया न्याय का पैगाम।
या हुसैन! आपकी क़ुरबानी की मिसाल नहीं कोई,
आपकी शहादत है, हर मुश्किल में ढाल हमारी।
कर्बला की वीरता, हुसैन ने दिखाई,
सच्चाई की राह में, कभी ना झुके सिर झुकाई।
कर्बला के मैदान में हुसैन ने दिया बलिदान,
सच्चाई और इंसाफ के लिए, उन्होंने दिया अपना नाम।
मुहर्रम का मतलब है सच्चाई और इंसानियत के लिए लड़ना।
कर्बला के शहीदों की कुर्बानी को सलाम।
Frequently Asked Questions
Moharram Ka Itihaas Kya Hai?
मोहर्रम इस्लाम का पहला महीना है और ये महीना इमाम हुसैन (आरए) की शहादत और कर्बला के वाकियात की याद दिलाता है। 10वीं मोहर्रम, जो आशूरा के नाम से जाना जाता है, इमाम हुसैन और उनके साथियों की दुश्मनों के खिलाफ़ कुर्बानी का दिन है। ये महीना सब्र, इन्साफ और वफ़ादारी का पैग़ाम देता है।
Moharram Ke Din Khushiyan Manana Kiska Tareeqa Hai?
मोहर्रम के दिन आम तोर पर लोग गम और मातम मनाते हैं क्योंकि ये इमाम हुसैन की शहादत का महीना है। लेकिन कुछ लोग इस महीने की रोशनी और कुर्बानी की याद में दुआ, इलाही और तालीमात पर अमल करके अपनी रूहानी ख़ुशी मनाते हैं। ख़ुशी मनाने का मतलब तफरीह नहीं बल्कि सच्चाई और सब्र की तस्दीक करना होता है।
Moharram Ki Badhai Kaise Di Jati Hai?
मोहर्रम की बधाई देने के लिए लोग अक्सर अपने दोस्तों, रिश्तेदारों और साथियों को हार्दिक संदेश भेजते हैं। आप व्हाट्सएप, फेसबुक, इंस्टाग्राम पर भी शायरी, कोट्स या दुआ के लिए बधाई दे सकते हैं। ज़बान में नरमी और इज्जत का ख्याल रखना जरूरी है।
Moharram Ki Badhai Kaise Den?
मोहर्रम की बधाई देने के लिए आप सरल और सम्मानजनक तरीक़े से कह सकते हैं:
“मोहर्रम मुबारक हो” हां “आपको और आपके परिवार को मोहर्रम की ढेर सारी बधाइयां।”
इसके अलावा आप दुआ भी भेज सकते हैं, जैसे “अल्लाह आपको सब्र और बरकत दे इस मुक़द्दस माहीं में।”
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Final Thoughts
Muharram Shayari and Quotes 2025: अगर आप अपने दोस्तों और परिवार वालों के साथ जज्बात बांटना चाहते हैं, तो हमारी Muharram Shayari (मुहर्रम शायरी) का कलेक्शन जरूर देखें। यहां आपके दिल को छू जाने वाली Muharram Shayari in Urdu (उर्दू में मुहर्रम शायरी) मिलेंगी जो इमाम हुसैन की कुर्बानी और सब्र को बेहतरीन अल्फाज में बयान करती हैं। अपनी भावनाओं को बेहतर तरीके से इज़हार करने के लिए आप (मुहर्रम की दर्द भरी शायरी) को शेयर कर सकते हैं और अपने रिश्ते और भी गहरा बना सकते हैं। साथ ही, हमारे डोमेन पर भारतीय शायरी की भी बड़ी वैरायटी मौजुद है, जहां आप हर मौके और जज़्बे के लिए खूबसूरत शायरियां पा सकते हैं।